बिलासपुर में अरपा नदी में अवैध उत्खनन जोरों पर चल रहा है। इसमें खनिज अफसरों की मिलीभगत के भी आरोप लग रहे हैं। दरअसल, खनिज विभाग ने जिस JCB को सील करने का दावा किया था। उसी JCB से अवैध खुदाई चल रही थी। ग्रामीणों की शिकायत पर पुलिस की टीम ने JCB को दोबारा सील कर जब्ती बनाई है। मामला कोटा थाना क्षेत्र का है।
अरपा नदी में शहर व आसपास रेत उत्खनन बंद करने और नदी को संरक्षित करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लंबित है। पूर्व में हाईकोर्ट ने इस जनहित याचिका पर राज्य शासन व नगर निगम को अरपा नदी को संरक्षित करने की कार्य योजना के बारे में पूछा था। इसके साथ ही अरपा नदी में शहर व आसपास हो रहे अवैध उत्खनन व रेत के परिवहन को बंद करने का आदेश भी दिया था। लेकिन, इसके बाद भी रेत की अवैध खुदाई बंद नहीं हुई है।
ताजा मामला कोटा व कोनी थाना क्षेत्र के लोफंदी का है। कुछ दिन पहले ग्रामीणों ने यहां नदी में अवैध उत्खनन की शिकायत खनिज विभाग के अफसरों से की थी। सूचना पर खनिज अधिकारी मौके पर पहुंचे और JCB को सील करने का दावा कर लौट गई थी। शनिवार को ग्रामीणों ने देखा कि उसी JCB से अरपा नदी में फिर से खुदाई चल रही है। इस पर ग्रामीणों ने खनिज अधिकारियों को सूचना दी। लेकिन, खनिज अफसर वहां नहीं पहुंचे, तब SP पारुल माथुर से शिकायत की। उन्होंने कोटा व कोनी पुलिस की टीम भेजकर जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। पुलिस की टीम मौके पर पहुंची, तब JCB चालक भाग गया था।
ग्रामीणों का आरोप खनिज अफसरों की है मिलीभगत
इधर, मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि खनिज अफसरों की मिलीभगत से अवैध उत्खनन का कारोबार चल रहा है। खनिज अधिकारियों को शिकायत करने पर JCB सील कर उसके मालिक के खिलाफ कार्रवाई करने का दावा किया जाता है। लेकिन, हकीकत में कोई कार्रवाई ही नहीं होती। यही वजह है कि JCB मालिक बेखौफ होकर अपना कारोबार चला रहा है।